धृतराष्ट्र बना है प्रशासन, बालू कारोबारी मस्त, आम जनता त्रस्त

जलडेगा: प्रखण्ड मुख्यालय समेत आस पास के क्षेत्रों में पूर्व की तरह अब भी अवैध बालू का धंधा बदस्तूर जारी है। फर्क बस इतना है पहले दिन के उजाले में होता था, अब रात के अंधेरे में होता है। पहले 15 सौ से 2 हजार में बालू बिकता था और आज 3 हजार से 35 सौ लग रहा है। दुसरी ओर प्रशासन पुरी तरह से आंखें बंद किए हुए हैं। जिसके कारण आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। बालू माफिया अपना काम यथावत कर रहे है। जलडेगा के कोने कोने में अवैध बालू स्टाक है। प्रसाशन छापामारी के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है।

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